निम्नलिखित पूजा / विधी त्र्यंबकेश्वर में की जाति है|
गर्दीशमें हो जब किस्मत के सितारे...समझलेना, अपनेको कालसर्प दोष है प्यारे | जब आपकी जन्म कुंडली में आपके भाग्य के सितारे या नवग्रह एक ही घर मे केंद्रित हो या फिर सभी ग्रह राहु और केतु के एक ही ओर स्थित हों तो ऐसी ग्रह स्थिती को कालसर्प योग कहते है।
अधिक पढ़ेअपने खानदान में ७ पीढ़ी मे जो लोग गुजरे हं उन्हें मोक्श प्राप्ती देने के लिये होनेवाला क्रियाकर्म - पिंडदान मतलब 'नारायण नागबली पूजा' सती के समशान भुमी में होती हैं| आदमी मरने के बाद पहले दिन से चौदावे दिन तक जो भी क्रियार्म होते है वो इस किये जाते है
अधिक पढ़ेत्रिपिंडी मतलब ३ पिढियों का पिंडदान| हमारे खादान में ३ पिढिओं में बाल्य अवस्था, युवा अवस्था य व्रुद्ध अवस्था में किसी की म्रुत्यु हुई हो तो उनकी आत्मायें प्रेत्योनी में चली जाती है|फिर वो हमे पिडा देने लगती है| तो उन आत्माओं को गती मिलने के लिये त्रिपिंडी श्राद्ध किया जाता है|
अधिक पढ़ेपंचांग के अनुसार हिंदु धर्म मे २७ नक्षत्र बताये हैं| इस मे कुछ शुभ फल देते है तो कुछ अशुभ फल देते है| जो अशुभ नक्षत्र है उनकी शांती करना जरूरी होता है|
अधिक पढ़ेThe Navagraha(All the 9 planets) are very important in our Janma Kundali(Horoscope). Naavgraha play a very vital role in our life, they are mighty powerful
अधिक पढ़ेWe put in 40 hours of research and testing, and the clear, lifelike sound of the Pioneer SP-PK22BS makes it the best inexpensive surround speaker system.
अधिक पढ़ेMahamrityunjaya Mantra is the most powerful of all ancient Sanskrit mantras. It is a mantra that has many names and forms.It is called the Rudra mantra
अधिक पढ़ेत्र्यंबकेश्वर में पूजा संपन्न करें|