संदीप कुलकर्णी गुरुजी.
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥
त्रयंबकेश्वर, भारत के नासिक जिले में स्थित त्र्यंबक शहर में एक प्राचीन हिंदू मंदिर है, जो नासिक शहर से 28 किमी दूर है।
त्र्यंबकेश्वर भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है !
भगवान ब्रम्हा भगवान विष्णु और भगवान शिव इस लिंग में एक साथ स्थित हैं|
इस मंदिर का निर्माण श्री नाना साहेब पेशवा ने १७५५ - १७८६ इ. सन में करवाया था। इसका निर्माण काले पत्थर से किया गया है और कहा जाता है कि शिवलिंगम प्राकृतिक रूप से उभरा हुआ है।
त्र्यंबकेश्वर प्रायद्वीपीय भारत में सबसे लंबी नदी गोदावरी नदी के स्रोत पर स्थित है।
गोदावरी नदी, जिसे हिंदू धर्म के भीतर पवित्र माना जाता है,
ब्रम्हगिरी पहाड़ों से निकलती है और राजमुंद्री के पास समुद्र से मिलती है।
कुशावर्त, कुंड को गोदावरी नदी का प्रतीकात्मक उद्गम माना जाता है| कुशावर्त हिंदुओं द्वारा एक पवित्र स्नान स्थल के रूप में प्रतिष्ठित है |